Mirgannath Temple Narsinghpur | नरसिंहपुर का प्राचीन मृगेंद्रनाथ धाम

mirgannath dham narsinghpur

नरसिंहपुर जिले में स्थित, मृगेंद्रनाथ मंदिर, जिसे स्थानीय रूप से मिरगन्नाथ धाम के नाम से भी जाना जाता है, एक प्राचीन और रहस्यमयी तीर्थ स्थल है। यह मंदिर भगवान हनुमान के एक अवतार, भगवान मृगेंद्रनाथ को समर्पित है और अपनी प्राकृतिक सुंदरता, चुनौतीपूर्ण चढ़ाई और गहरी आध्यात्मिक शांति के लिए प्रसिद्ध है।

स्थान और पहुंच:

यह मंदिर नरसिंहपुर जिला मुख्यालय से लगभग 48 किलोमीटर दूर, रिछाई गांव में पहाड़ियों और घने जंगलों के बीच स्थित है। मंदिर तक पहुंचने के लिए, भक्तों को पत्थर की बनी सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं, जो हरे-भरे जंगलों और मनोरम दृश्यों के बीच से होकर गुजरती हैं। कुछ स्थानों पर चढ़ाई काफी खड़ी है, जिससे यात्रा थोड़ी साहसिक हो जाती है।

मंदिर का स्वरूप और मुख्य देवता:

मृगेंद्रनाथ मंदिर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है और इसका स्वरूप काफी प्राचीन और प्राकृतिक है। मंदिर के अंदर एक गुफा है, जहां भगवान मृगेंद्रनाथ की मूर्ति विराजमान है। इस गुफा में निरंतर पानी का प्रवाह होता रहता है, जो एक प्राकृतिक कुंड में जाकर जमा होता है। भगवान मृगेंद्रनाथ को हनुमान जी का ही एक रूप माना जाता है और स्थानीय लोगों में इनके प्रति गहरी आस्था है।

प्रमुख आकर्षण और मान्यताएं:

  • प्राचीन गुफा और अखंड जलधारा: मंदिर का सबसे बड़ा आकर्षण यहां की गुफा और उसमें से निकलने वाली अविरल जलधारा है। यह जलधारा कहां से निकलती है, यह आज भी एक रहस्य है।
  • रहस्यमयी कुंड: गुफा से निकलने वाला पानी एक कुंड में एकत्रित होता है। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस कुंड की गहराई अथाह है और इसे खाली करने के कई प्रयास विफल हो चुके हैं।
  • मनोरम प्राकृतिक सौंदर्य: यह मंदिर चारों ओर से पहाड़ियों और घने जंगलों से घिरा हुआ है, जो इसे एक अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य प्रदान करता है। ऊपर से आसपास का नजारा बहुत ही मनमोहक दिखाई देता है।
  • आध्यात्मिक शांति: मंदिर का शांत और पवित्र वातावरण भक्तों को एक अनूठी आध्यात्मिक शांति का अनुभव कराता है।
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